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पारिवारिक न्यायालय के अनूठे फैसले- परिवार टूटने के बजाय हो रहे एक

नैनसी-राहुलअरोड़ा,इन मियां-बीवी में शादी के समय बहुत प्यार था, बाद में इनमें मनमुटाव इतना बढ़ा कि नौबत अलग होने तक पहुंच गई। दोनों तलाक लेने के लिए पारिवारिक न्यायालय में भी पहुंच गए। यहां न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने दोनों की पहले अलग-अलग फिर माता-पिता की मौजूदगी में काउंसलिंग की, फिर दोनों को आदेश दिया कि वे कुल्लू-मनाली घूमकर आएं। दोनों हाल ही में घूमकर आए और आते ही लिखकर दे दिया कि वे फिलहाल तलाक नहीं चाहते। नैनसी-राहुल ऐसे इकलौते जोड़े नहीं हैं। श्रीगंगानगर पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ऐसे कई जोड़ों को हिल स्टेशन और रेस्टोरेंट में चाय-काफी लंच पर भेजकर एक कर चुके हैं। 
यही स्थिति सीकर के दिलीप चौधरी श्रीगंगानगर की संपत्ति गोदारा की थी। दोनों में मतभेद इतने थे कि एक-दूसरे का चेहरा भी नहीं देखना चाहते थे। न्यायाधीश ने केवल दोनों को आमने-सामने बिठाकर काउंसलिंग की, बल्कि उन्हें शिमला में अकेले में घूमने भेजा। इस टूर का फायदा यह हुआ कि दोनों ने अब न्यायालय से तलाक पर पुनर्विचार के लिए समय मांगा है। यादवेंद्र नीलम का किस्सा भी कुछ ऐसा ही था। दोनों श्रीगंगानगर शहर में रहने के बावजूद तलाक की तारीख पर अलग-अलग आते थे। न्यायाधीश ने दोनों को रेस्टोरेंट में चाय-काफी पीने भेजा। उस एक घंटा साथ में बिताए का फायदा यह हुआ कि दोनों अब तारीख पर साथ-साथ आते हैं। श्रीगंगानगर की ही दंपत्ती हैं- सुभाष ईशा अरोड़ा। इनके रिश्तों में भी दूरियां इतनी थी कि दोनों तलाक से कम कुछ नहीं चाहते थे। दो बार उन्होंने होटलों में लंच करने के बाद उन्होंने कोर्ट से 15 दिन का समय मांगा है। अधिकारी बताते हैं, कई बार तो पति-पत्नी ऐसी छोटी-छोटी गलतफहमी के लिए तलाक लेने आते हैं कि काउंसलिंग में वो गलतफहमी एक बातचीत में ही दूर हो जाती है। इसलिए प्रयास यही रहता है कि दोनों पक्षों की बातचीत ज्यादा से ज्यादा हो। इस कवायद का परिणाम यह आता है कि दो परिवार उजड़ने से बच जाते हैं।पति-पत्नी को रेस्टोरेंट में चाय-काफी लंच पर भेजा जाता है तो कभी हिल स्टेशन पर भेजते हैं 
श्रीगंगानगर कोर्ट में 7 सितंबर 2015 को ज्वाइन किया था। तब यहां पति-पत्नी के विवादों के 781 मामले पेंडिंग थे। अपने अनूठे तरीकों की बदौलत वे अब तक 308 मामलों का निस्तारण कर चुके हैं। इनमें ज्यादातर मामलों में पति-पत्नी ने यह लिखकर दे दिया कि वे फिलहाल तलाक नहीं चाहते और तलाक पर पुनर्विचार करना चाहते हैं। 
Good Job न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा , आपके इस नेक काम के लिए  pilibanga.com team की तरफ से सलाम !!
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