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सेवारत डॉक्टर 18 को फिर से बेमियादी हड़ताल पर, सरकार ने फिर से रेस्मा लागू किया


जिले में सरकारी डॉक्टर्स 33 सूत्री मांगों को लेकर समझौता लागू नहीं करने एवं दमनकारी नीति के विरोध में 18 दिसंबर से फिर से बेमियादी हड़ताल पर जाएंगे। इसको लेकर अरिस्दा की कोर कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया है। 
इसके तहत जिला अस्पताल में अरिस्दा पदाधिकारियों ने डॉक्टर्स से समर्थन के लिए हस्ताक्षर कराए। इसमें अधिकांश डॉक्टर्स ने बेमियादी कार्य बहिष्कार के लिए सहमति दे दी है। 
उधर, सरकार ने गुरुवार को फिर से रेस्मा लागू कर दिया है। ऐसे में हड़ताल पर जाने वाले डॉक्टर्स की गिरफ्तारी हो सकती है। सेवारत डॉक्टर्स का कहना है कि वह नहीं चाहते कि आमजन को परेशानी हो लेकिन सरकार स्वास्थ्य प्रबंधन में सुधार की बजाए डाक्टर हितों पर कुठाराघात कर रही है। डॉक्टर जो मांग कर रहे हैं उसमें ज्यादात्तर स्वास्थ्य प्रबंधन में सुधार लाने वाली है जिससे भविष्य में आमजन को भी इसका फायदा मिलेगा। ऐसे में सरकार समस्या हल करने की बजाए आवाज बुलंद करने वाले डॉक्टर्स का दमन करने पर तुली है जिसे कतई सहन नहीं किया जाएगा। इसलिए इस बार की बेमियादी हड़ताल आर-पार की लड़ाई होगी। मांगें नहीं माने जाने तक डॉक्टर्स वापिस काम पर नहीं लौटेंगे। गौरतलब है कि पिछले माह छह नवंबर को भी डॉक्टर भूमिगत हो गए थे। इसके बाद जिला प्रशासन ने अतिरिक्त व्यवस्था के तौर पर आयुष डॉक्टर्स सहित अन्य की ड्यूटी लगाई थी। वहीं बीकानेर पीबीएम अस्पताल से भी डॉक्टरों को यहां भेजा गया था। ऐसे में अब फिर डॉक्टर्स की बेमियादी हड़ताल प्रशासन के समक्ष बड़ी चुनौती रहेगी। अरिस्दा संगठन सचिव प्रवक्ता डॉ. शंकर सोनी का कहना है कि सेवारत डॉक्टर्स स्वास्थ्य प्रबंधन में सुधार चाहते हैं लेकिन सरकार धोखा कर रही है। सरकार मांगें मानती है तो भविष्य में स्वास्थ्य प्रबंधन में इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। डॉक्टर्स नहीं चाहते कि जनता को परेशानी हो लेकिन सरकार की हठधर्मिता के कारण आंदोलन को मजबूर हैं। 

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