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अब किराए का वाहन भी ला सकेंगे प्रसूता के परिजन, खाते में आएगी राशि


भुगतान में गड़बड़ी की आशंका, इसलिए सरकार ऑनलाइन करेगी भुगतान 
प्रसूता को अस्पताल पहुंचाने के लिए जननी एक्सप्रेस या 108 एंबुलेंस नहीं मिलने पर खुद किराए का वाहन कर अस्पताल आवाजाही करने पर अब लाभार्थी के खाते में राशि आएगी। जिला अस्पताल में इसको लेकर ऑनलाइन भुगतान व्यवस्था शुरू हो गई है। गर्भवती महिलाओं को इलाज या प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाने पर सरकारी जननी एक्सप्रेस वाहन चल रहे हैं। जननी एक्सप्रेस नहीं मिलने पर महिलाओं को 108 एंबुलेंस से भेजा जाता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में जननी एक्सप्रेस पहुंचने में कई बार एक घंटे से भी ज्यादा समय लगता है। गांव की लोकेशन पता नहीं होने से वाहन सिर्फ मेन रोड तक ही आ पाते हैं। समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने पर जच्चा-बच्चा को खतरा रहता है। ऐसी स्थिति में सरकारी वाहन नहीं मिलने पर प्रसूता खुद वाहन कर अस्पताल आ सके। इसके लिए वाहन का किराया प्रति किमी के मान से खाते में हस्तांतरित करने की व्यवस्था लागू की गई। जिला अस्पताल में राशि ऑनलाइन लाभार्थी के खाते में हस्तांतरित करना शुरू कर दिया गया है। इसके लिए संबंधित वाहन की आरसी व ड्राईवर का ड्राइविंग लाइसेंस की फोटोकॉपी जमा कराई जा रही है। 
स्वास्थ्य विभाग सूत्रों का कहना है कि बैंक खाते में राशि हस्तांतरित करने की गाइडलाइन पहले से थी लेकिन जिला अस्पताल में इसे लागू नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि कुछ एंबुलेंस चालकों ने इसको लेकर पुल कर रखा था। इसमें एक प्रसूता को छोड़ने के लिए आने व जाने दोनों तरफ का भुगतान उठाने जैसी गड़बड़ी की शिकायतें आ रही थीं। इस बीच जिला अस्पताल से अनुबंधित एंबुलेंस वाहनों का जननी सुरक्षा कार्यक्रम के तहत ट्रांसपोर्टेशन का करीब 30 लाख रूपए अटके हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि निर्धारित बजट से अधिक भुगतान होने के कारण इसको लेकर पारदर्शिता बरती जा रही है। 
परिजनों के लिए यह परेशानी, निर्धारित राशि से ज्यादा चुका रहे नकद किराया 
प्रसूताओं के डिस्चार्ज होने के बाद परिजनों को किराए पर की जाने वाली एंबुलेंस चालकों से खुद किराया राशि को लेकर माथापच्ची करनी पड़ रही है। जननी सुरक्षा स्वास्थ्य कार्यक्रम की गाइडलाइन के तहत एक प्रसूता को ट्रांसपोर्टेशन के लिए 999 रूपए से अधिक भुगतान नहीं किया जा सकता है। ऐसे में 12 से 15 किलोमीटर की दूरी तक किराए के तौर पर 125 रुपए का भुगतान देय है। वहीं इससे अधिक दूरी होने पर प्रति किलोमीटर 7 रुपए 25 पैसे की दर से किराया राशि का भुगतान किए जाने के निर्देश हैं लेकिन लोगों से प्रति किलोमीटर नौ से दस रूपए वसूले जा रहे हैं। ऐसे में लोगों को शेष राशि जेब से चुकानी पड़ रही है।

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