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आईटी सिस्टम दुरुस्त होने के बाद लागू होगा ई-वे बिल


नई दिल्ली| सरकार ने फैसला किया है कि अब वह अपने आईटी सिस्टम दुरुस्त होने के बाद ही ई-वे बिल सिस्टम को लागू करने की डेट फाइनल करेगी। ई-वे बिल सिस्टम लागू होने के पहले ही दिन यानी एक फरवरी को पटरी से उतर गया और सरकार को इसे टालना पड़ा। ई-वे बिल की वेबसाइट और सर्वर लाखों की संख्या में बिल जनरेट करने का लोड नहीं सह पाई, जिस कारण सरकार को इसे टालने के लिए मजबूर होना पड़ा। वहीं, व्यापारिक संगठनाें का कहना है कि तकनीकी खामियों को सरकार ठीक नहीं कर पा रही है जिसकी वजह से यह प्रणाली काम नहीं कर पाई। 
फाइनेंस सेक्रटरी हंसमुख अढिया ने कहा कि अब सरकार आईटी सिस्टम दुरुस्त होने के बाद ही ई-वे बिल लागू करने की डेट फाइनल करेगी। अढिया ने कहा कि उन्होंने जीएसटीएन चेयरमैन ए बी पांडेय को यह असेसमेंट करने के लिए कहा कि ई-वे बिल जनरेट करने में समस्या क्यों आई और उसे ठीक करने में कितना समय लगेगा। ई-वे बिल का पोर्टल नेशनल इंफोर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) ने बनाया है और इसे लागू करने का काम जीएसटीएन का है। अढिया ने कहा कि टैक्स चोरी रोकने के लिए ई-वे बिल एक बड़ा रोल अदा करेगा। ऐसे में सरकार इसे वापस नहीं लेगी। ई-वे बिल फिर से लागू किया जाएगा, जब इसका सिस्टम तैयार हो जाएगा। 
अढिया ने कहा कि सिस्टम इतना लोड लेने के लिए सक्षम नहीं है। ज्यादा लोड आने पर सर्वर रेस्पोंड नहीं करता। इसलिए पहले जीएसटीएन को सिस्टम बेहतर करना होगा, ताकि ऐसी परेशानी दोबारा न आए। 

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