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मन के अस्थिर होने से ही भौतिकता के जाल में फंसता है मनुष्य: आत्मानंद पुरी महाराज

पीलीबंगा: मानव को अध्यात्म से ही शांति मिल सकती है। भौतिकवाद के इस युग में मनुष्य को शांति की प्राप्ति के लिए अध्यात्म से अवश्य जुडऩा चाहिए। यह बात शिवशक्ति योग मिशन की ओर से गीता भवन प्रांगण में चल रही श्री शिवमहापुराण कथा में स्वामी आत्मानंद पुरी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को कही। उन्होंने कहा कि मनुष्य शरीर में मन की गति सबसे तेज होती है। मन के अस्थिर होने के कारण ही मनुष्य भौतिकता के जाल में फंसता चला जाता है। मन की इस चंचलता को अभ्यास एवं वैराग्यता से ही शांत किया जा सकता है। महाराज ने कथा में गणेश जी के जन्म का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि बुद्धि के देवता गणेश जी की पूजा करने से सभी विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं को चिंता की बजाय प्रभु का चिंतन करने की बात कही। शनिवार की कथा में शिवशक्ति योग मिशन के प्रदीप राठी, चिमनलाल कुक्कड़, गीता भवन कमेटी के सचिव श्यामसुंदर शर्मा व मदनलाल मरेजा सहित अनेक श्रद्धालुओं का सहयोग प्राप्त हो रहा है।

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