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बिलौचांवाली के मोहित के संघर्ष की कहानी : हैंडो चैंपियनशिप में भारत के लिए लाया रजत

पीलीबंगा : करीब 3 वर्ष पहले गांव बिलोचांवाला के सरकारी स्कूल में हैंडो फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा निशुल्क प्रशिक्षण शिविर लगाया था। चूंकि मोहित की बचपन से ही खेलों के प्रति रूचि थी। इसलिए उसने भी इस शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त किया। यहां उसकी लगन और रुचि देखकर फेडरेशन के पदाधिकारियों ने इस खेल में मोहित का भविष्य देखते हुए उसे हैंडो का प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद डबलवाली में प्रशिक्षण लिया। यहीं से मोहित ने अपने खेल जीवन की शुरुआत की और एकेडमी से चयनित होकर मई 2017 में दिल्ली में हुई एक प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंचे मोहित ने प्रथम प्रयास में ही स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके बाद मोहित ने नवंबर 2017 में राज्य स्तरीय हैंडो चैंपियनशिप में स्वर्ण व दिसंबर 2017 में सिरसा में हुई नेशनल चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल कर अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेने का मार्ग प्रशस्त कर लिया और वहां भी रजत पदक हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
विश्व विजेता बनने का है सपना, होर्स राइडिंग में भी रुचि युवा वर्ग को नशे से दूर रहकर आत्मरक्षा के गुर सीखने की सीख देने वाला मोहित भविष्य में हैंडो की विश्व स्तरीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने का सपना देख रहा है। मोहित के अनुसार इस सफलता को प्राप्त करने में उसके एकेडमी कोच सुखविंद्र सिंह, स्कूल कोच बेताब सिंह एवं माता पिता सहित केशव स्पोर्टस एकेडमी के कृष्ण भादू व अरविंद भादू का अतुलनीय योगदान रहा है। मोहित ने बताया कि उसे होर्स राइडिंग का भी शौक है।

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