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कला भवन में हुई गोष्ठी, कहा- युवाओं को साहित्य से जोडऩा बेहद आवश्यक

पीलीबंगा|अखिल भारतीय साहित्य परिषद व श्री जयलक्ष्मी साहित्य कला एवं नाटक मंच के संयुक्त तत्वाधान में मंच के कला भवन में रविवार को समाज में साहित्य का योगदान विषय पर परिचर्चा का आयोजन कवि निशांत की अध्यक्षता में किया गया। साहित्यकार बलविंद्र भनौत तथा लेखक विजय बवेजा ने कहा कि साहित्य संवेदनाओं का प्रतीक है व इसके बिना मनुष्य रोबोट है। वर्तमान में युवा जिस पतन की ओर जा रहा है उसके लिए साहित्य को युवाओं के साथ जोडऩा बेहद आवश्यक है। हरीशंकर शर्मा व वरिष्ठ कवि निशांत ने कहा कि साहित्य व्यक्ति का परिमार्जन करता है। अत: समाज में साहित्य का होना बेहद आवश्यक है तभी स्वच्छ समाज बन सकेगा। निखिल बिश्रोई ने कहा कि साहित्यकार सदसाहित्य लिख कर ही समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। गजल गायक नवदीप भनौत ने ‘है अजीब शहर की जिंदगी गजल पेश की। परिचर्चा में मंच के सदस्य निखिल बिश्रोई के सीएलजी सदस्य बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की गई। परिचर्चा में प्रकाश बिश्नोई, सुखविंद्र शर्मा, सोहनलाल, रेशम अठवाल, रवि शर्मा आदि मौजूद थे।

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